‘मेरे रश्क-ए-क़मर’ गाण्यातील ‘रश्क-ए-क़मर’ म्हणजे कंबर नाही हो, खरा अर्थ बघा
तीर ऐसा लगा, दर्द ऐसा जगा चोट दिल पे वो खायी, मज़ा आ गया… ‘मेरे रश्के क़मर, मेरे रश्के क़मर’, तूने पहली नज़र, जब नज़र से मिलाई मज़ा आ गया …
Read moreतीर ऐसा लगा, दर्द ऐसा जगा चोट दिल पे वो खायी, मज़ा आ गया… ‘मेरे रश्के क़मर, मेरे रश्के क़मर’, तूने पहली नज़र, जब नज़र से मिलाई मज़ा आ गया …
Read more